sad poetry urdu hindi

 


‏زندگی قید ہے کسی پنجرے میں فرّی
بہت ہوا !!! بس !!! اب رہائی چاہیے

जीवन एक पिंजरे में कैद है
बस !!! बस !!! अब जारी किया जाना चाहिए



जीवन एक पिंजरे में कैद है
बस !!! बस !!! मैं अब रिलीज चाहता हूं




شہر ظلمت مین فر یاد کو ہم پکا رین کسے ؟
کون آیئگا یہان کس امید پر ہم نہارین کسے ؟

شب و روز ھے سا منا اسد غم کی آ ندھی سے
زند گی دشت سی ھے بتلائو ہم سنوارین کسے ؟

हम अंधेरे के शहर में किसके लिए खाना बनाते हैं?
यहाँ कौन आएगा? हमें क्या आशा है?

रात और दिन दु: ख की बाढ़ के साथ मनाए जाते हैं
जीवन एक रेगिस्तान की तरह है। मुझे बताओ, हमें किसे ठीक करना चाहिए?


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